Monday, September 20, 2010

आईआईटी में अब शुरू होगी मेडिकल की पढ़ाई

नई दिल्ली :(12 Sep 2010, 1258 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स) आईआईटी में मेडिकल की पढ़ाई भी होगी। इसके अलावा उन्हें विदेशी नागरिकों को फैकल्टी नियुक्त करने और पोस्ट ग्रेजुएट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स में विदेशी छात्रों को दाखिला देने की इजाजत मिल गई है। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुई आईआईटी काउंसिल की बैठक में ये फैसले लिए गए हैं। आईआईटी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय आईआईटी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के खिलाफ रहा है। मंत्रालय का मानना है कि इंजीनियरिंग संस्थानों को मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के बजाय हेल्थ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजीज, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और ई-हेल्थ कोर्सेज शुरू होने चाहिए। अभी सिर्फ आईआईटी खड़गपुर ने मेडिकल कॉलेज खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। आईआईटी खड़गपुर ने दलील दी है कि उसके आसपास के क्षेत्र में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है। इसलिए मेडिकल कॉलेज शुरू करने से इस क्षेत्र की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी। आईआईटी काउंसिल ने बीच का रास्ता निकाला है। टेक्नोलॉजीज एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के जरिए दो तरह के बदलाव किए जाएंगे। वैसे कोर्स के लिए जिनसे मिलने वाली डिग्री के बाद डॉक्टर की प्रैक्टिस की जा सकेगी, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मंजूरी लेनी पड़ेगी। हालांकि, जिस मेडिकल कोर्स में मिलने वाली डिग्री का संबंध डॉक्टरी प्रैक्टिस से नहीं है और वह रिसर्च आदि से जुड़ा है तो इसके लिए मेडिकल एजुकेशन के रेगुलेटर से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिब्बल ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जहां मिलने वाली डिग्री का संबंध मेडिसिन के किसी ब्रॉन्च से है वहां कोर्स की मंजूरी एमसीआई से लेनी पड़ेगी।' आईआईटी काउंसिल आईआईटी और अन्य संस्थानों के बीच रिसर्च के मामले में ज्यादा सहयोग सुनिश्चित करना चाहती है। इसके लिए काउंसिल ने सीएसआईआर के पूर्व प्रमुख आर ए माशेलकर के नेतृत्व में स्थायी समिति बनाने का फैसला किया है। दुनिया के दूसरे हिस्से में स्थित संस्थानों के साथ मिलकर काम करने के लिए काउंसिल का विस्तार कर इसमें प्रधानमंत्री के साइंटिफिक एडवायजरी काउंसिल के चेयरमैन को शामिल किया गया है। इसके अलावा इसमें इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी के प्रेसिडेंट और नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के प्रेसिडेंट को भी शामिल किया गया है। काउंसिल ने फैसला किया है कि आईआईटी सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडी शुरू करेंगे। यह पॉलिसी बनाने के लिए एडवाइजरी फोरम होगा और रणनीतिक क्षेत्रों में रिसर्च करेगा। आईआईटी काफी समय से फैकल्टी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्हें विदेश से फैकल्टी नियुक्त करने की इजाजत मिल जाने से काफी राहत मिली है। काउंसिल ने आईआईटी को विदेशी नागरिकों को फैकल्टी नियुक्त करने की इजाजत दे दी है। वे स्थायी फैकल्टी की कुल संख्या का 10 फीसदी विदेशी फैकल्टी की नियुक्ति कर सकेंगे। सिब्बल ने कहा, 'सिद्धांत रूप में हम आईआईटी में विदेशी फैकल्टी नियुक्त करने पर सहमत हो गए हैं।'

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